लघुकथा

ग्रहों की दशा

रजनी कोचिंग इन्सटीट्यूट से रोती बिलखती घर आकर चुपचाप खुद को अपने कमरे में बंद कर ली थी । वह काफी अंतर्मुखी स्वभाव की है । अपना सुख-दुख कभी साझा नहीं करती है । ऐसे समय में अम्बर पिता होते हुए भी अक्सर स्वयं को बेबस महसूस करते थे । दिलोदिमाग में हलचल मची थी कि, कैसे अपनी बिटिया की सहायता करें ।
माता पिता के रहते अगर पुत्री स्वयं को असहाय महसूस करे तो धिक्कार है हमारी परिवरिश पर सोचते हुए बेचैनी में चहलकदमी करते हुए लॉन में आकर टहलने लगे ।
खिडकी से रजनी बाहर शुन्य में अपलक निहार रही थी । उसे देख कर मानों पल भर में ही उन्हें अहसास हो गया कि अपरोक्ष रूप से तो समझाया ही जा सकता है ।
अपने आपसे बातें करते हुए- ऊफ्फ इस भीषण गर्मी में गुलाब की कलियां खिलने से पहले ही मुरझा रही हैं,इन्हें छाया में रख देता हूँ ।”
ऐसा कहते हुए अम्बर भारी सा गमला अकेले ही उठाने लगे । जिसे देखकर रजनी दौड़ती हुई अपनी माँ को आवाज लगाई- “माँ देखिये पापा क्या कर रहे हैं ?”
एक साथ तीन जोड़ी हाथ गुलाब के भारी भरकम गमले को उठा कर छाया में रख दिये ।
“पापा यह आप क्या कर रहे थे ! कमर में मोच आ जाती या गमला पैर को लहूलुहान कर सकता था ।”
“बिटिया; बागवान या पालक जब तक जीवित रहते हैं,अपनी छत्रछाया में अपनी संतान को महफूज रखने की यथासंभव कोशिश करते हैं ।”
यह सुनकर रंजनी की आँखें भर आईं,वह अपने पालक से लिपट गई । उसके स्पर्श में भयभीत हिरणी सी कंपकंपाहट दोनों को महसूस हुआ  ।
“बिटिया; चिंता मत करो साफ साफ कुछ कहोगी तभी हम तुम्हारी सहायता कर पायेंगे ।”
“पापा; मैं बदनामी से डरती हूँ । कोचिंग वाले सर फिजिक्स पढ़ाते-पढ़ाते फिजिकल होने की कोशिश अक्सर करते हैं,लेकिन आज तो….।”
“चिंता मत कर बेटी;  तेरा पापा तो केमिस्ट्री बिगाड़ने में माहिर है और माँ…।”
आगे कुछ बोलते उससे पहले पत्नी बोल पड़ी- “अगर बच्चों की जान पर बन आये तो माँ बाप इतिहास भूगोल सब मटियामेट कर किसी के ग्रहों की दशा-दिशा तक बदल सकते हैं ।”

— आरती रॉय

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - arti.roy1112@gmail.com