पीढ़ियों की मार.
आज रसोई घर में बड़ी उठा पटक हो रही थी। नन्हा राहुल अपने खिलौने से खेलना छोड़ कर रसोई घर
Read Moreआज रसोई घर में बड़ी उठा पटक हो रही थी। नन्हा राहुल अपने खिलौने से खेलना छोड़ कर रसोई घर
Read Moreहे माँ तेरी मोहनी छवि आँखों में बस जाये सुधबुध बिसरा कर मनवा तेरे ही गुण गाये कैसी लगन लगाई
Read More“माँ आपने छोटू भैया को अपने घर के अंदर क्यों नहीं आने दिया ?भैया आधी रात में कहाँ जायेंगें ।माँ
Read Moreचीटियों का सरदार मधुमक्खियों से बैर पाल लिया। वज़ह कुछ खास नहीं ,अपने बिल को थोड़ा बड़ा बनाने के चक्कर
Read Moreसुबह सवेरे अपनी तकदीर पर रश्क करता हूँ शाम होते ही पूराने साथियों तक पहुंच जाता हूँ चंद घंटों के
Read Moreकल्पना और यथार्थ में बड़ा फ़ासला होता है। कल्पना की उड़ान इंसान को मायानगरी में ले जाती है। ऐसी ही
Read Moreअतृप्त धरा अति अकुलाई वर्षा रूठ नभ में खिसियाई फूलों की डाली मुरझाई पौधों ने भी शोक मनाई । क्यों
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