लघुकथा

छतरी

“सुनों बेटा हो सके तो एक छतरी अपने दूधवाले भइया के लिए लेकर आना आज बाजार से । कई दिनों से बरसात की वज़ह से रामदास भींग रहा है। पूरे महीने जितनी आमदनी नहीं होगी उससे अधिक उसे अपना इलाज कराने में लग जायेगा ।”

“ठीक है माँ मैं लेता आऊँगा ,लेकिन परसों ही रामदास भाई बता रहे थे ,गौ माता बरसाती घास खाकर बीमार पड़ गई थी , उसके इलाज में उन्होंने चार हजार रूपये खर्च कर डाले !”

“हाँ बेटा वह तो उन्हें करना जरूरी था ,क्योंकि गौ माता ठीक रहती हैं तो रामदास के पूरे परिवार का खर्च पढ़ाई लिखाई दवा-दारू सभी सुचारु रूप से चलता है।”

“हाहाहा…माँ ; वैसे आप कहती हैं तो बाजार से छाता ख़रीद कर रामदास भाई को दे दूँगा ,लेकिन क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि रामदास भाई आपके दरियादिली का गलत फायदा उठा रहे हैं ! अगर वह चाहते तो सौ दो सौ में खुद के लिए एक छाता खरीद ही सकते हैं ।”

“बेटा  शिक्षित समाज में बच्चों से बहस नहीं की जाती है, छतरी क्या हमारें बच्चों के स्वास्थ्य से या रामदास के स्वास्थ्य से बढकर है ? सोच कर देखना कि अगर तेरी नौकरी या आजीविका पर बन आती है तो कैसी बेचैनी बढ़ती है ।ईश्वर करें तेरी छतरी तेरे सर पर सदैव सलामत रहे।”

— आरती राय

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - arti.roy1112@gmail.com