हाइकु/सेदोका

हाइकू – माँ

वाणी अमृत सी चिर स्नेह की मूर्ति प्रेम की आधार, जगत पिता बंध जाता तत्क्षण बोलते बात । स्नेह मयी ओ अकथनीय दया कोमल हृदय, मन जल सा गोदी पलंग सी शिशु के लिए। अविरल है निश्छल भावना भी  अंश खातिर, मनमोहक है जिसकी प्यारी पात कहता शिशु। खुश हो जाती बोलता तुतलाकर मां, बेटा […]