Author: आशा पाण्डेय ओझा

हास्य व्यंग्य

हास्य-व्यंग्य : पलकां में बंद कर राखूंली…

एक गाना अक्सर सुनने में आता है । थ्हांने काजलियौ बणाल्यूं… म्हारै नैणा में रमाल्यूं राज पलकां में बंद कर राखूंली

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