बाल कविता – गुनगुन करता भौंरा आया
गुनगुन करता भौंरा आया फुल कलियों को है रिझाया। चूँ-चूँ करती चिड़िया आईं सुबह का संदेशा ले के आईं। रंग-बिरंगी
Read Moreगुनगुन करता भौंरा आया फुल कलियों को है रिझाया। चूँ-चूँ करती चिड़िया आईं सुबह का संदेशा ले के आईं। रंग-बिरंगी
Read More“नारी तुम शक्ति स्वरूपा हो नारी तुम श्रद्धा समर्पण हो, नारी तुम आस विश्वास हो नारी तुम सृष्टी का विकास
Read Moreआदमी के भीड़ में आदमी खो गया है है कौन वह जानना मुश्किल हो गया है यहाँ दिल भी कहाँ
Read Moreदर्द तो आखिर दर्द होता है दर्द बांटना भी एक दवा होती है, किसी के बहते आंसु को पोंछना खुदा
Read Moreरोज की तरह आज भी शाला में प्रातः कालीन राष्ट्रगान चल रहा था।इसके बाद बच्चों को सम्बोधित करते हुए प्रार्थना
Read Moreमंदिरों में वही सदा पूजा जाता है जो छेनी-हथोड़े की चोट खाता है। जब अनघड़ पत्थर तराशा जाता है मंदिरों
Read Moreआज इंसानियत हो रही तार-तार क्यों फल-फुल रहे हैं इतने दुराचार इंसान खो रहा क्यों असल पहचान मानवता दुखी है
Read Moreहे माँ भगवती तुम आ जाओ करता हूँ मन से तुझे आह्वान आके तुम मंचासीन हो जाओ आशीष दे दो
Read Moreअभी तो कदम बढ़ाया है तेरा दूर मंजिल बाकी है मंजिल दूर तो दिखती है परन्तु मुमकिन बाकी है। कभी
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