बाल कविता

बाल कविता – गुनगुन करता भौंरा आया

गुनगुन करता भौंरा आया
फुल कलियों को है रिझाया।

चूँ-चूँ करती चिड़िया आईं
सुबह का संदेशा ले के आईं।

रंग-बिरंगी तितली रानी आई
झूम-झूम कर वह नाच दिखाई।

फुल-बगीचों में है मुस्काया
सबके मन में वह प्रीत जगाया।

प्यारी कलियाँ भी मुस्कायी
सुंदर रूप अपना है दिखलायी।

सर-सर करती हवा भी आई
शीतलता का अहसास कराई।

आसमान पर लालीमा छाई
रवि ने किरण  धरा में फैलाई।

— अशोक पटेल “आशु”

*अशोक पटेल 'आशु'

व्याख्याता-हिंदी मेघा धमतरी (छ ग) M-9827874578