भारत बहुआयामी विविधता का सामासिक संगम है | तकरीबन 171 भाषाओं और 544 बोलियों के साथ 125 करोड़ आबादी वाला हमारा देश कश्मीर से कन्याकुमारी एवं कच्छ से अरुणांचल तक फैला हुआ है | संविधान सभा ने संविधान बनाते समय भारत के दक्षिणी और उत्तर – पूर्वी परिक्षेत्र को भाषाई आधार पर गैर हिन्दी मानते […]
Author: *डॉ. अवधेश कुमार अवध
गीत : बदल गया यह लल्ला
बदल गया यह लल्ला प्रियतम की यादों में खोया, बोलो नहीं निकम्मा l रूप – पाश में बँधकर भूला, भाई, बापू, अम्मा ।। गीत सिनेमा का वो गाये, बहुत करे मनमानी । लैला मजनू के सब किस्से, उसको याद जुबानी ।। बचपन के सब सैर – सपाटे, धमा – चौकड़ी हल्ला l जब से आई […]
नारी भोग की वस्तु नहीं
सामाजिक ताने बाने की गाड़ी दो पहियों से बनी हुई है – एक नारी और दूसरा पुरुष। आदि काल से अब तक हो रहे लगातार परिवर्तन के दौर में नारियों की भूमिका सदैव ही अस्पष्ट रही है। मानव जाति के विकास के साथ नारी और पुरुष कंधे से कंधा मिलाते हुए एक – दूसरे के […]
बाल दिवस
बाल दिवस का हाल न पूछो, हैं बेहाल सभी बालक । चाचा के सब सपने टूटे, मिला नहीं उन सा पालक । चिथि चौदहवीं माह नवम्बर, फिर फिर याद दिलाती है । मंजिल तक पहुँचे गाड़ी जब, मिलता है अच्छा चालक । सजे – सजाये ख्वाब टूटते,बच्चे मागे जाते हैं । होटल के जूठे खाने […]
गीत : साथी
साथी वह जो हर सुख -दुख में, हरदम साथ निभाये l सही- गलत को जाँच परख़कर, सच्ची राह दिखाये ll नहीं चाहिए सोना – चाँदी, गाड़ी ,घोड़ा , हाथी l दे दो भगवन इस निर्धन को, सच्चा सा इक साथी ll जिसकी गोदी में सिर रखकर, सुन्दर सपना देखे l निश्छल – सीमुस्कान होंठ पर, बारम्बार […]