दिल्ली जीती – मरती है
कल तक माता के आँचल में, बैठ सभी सुख पाते थे । भूखे नंगे लावारिस भी, जीवन जीने आते थे
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Read Moreचमन के फूल हम सारे, हमारा देश न्यारा है | हमारी भूमि में शामिल, परम इतिहास प्यारा है || हिमालय
Read Moreसाहित्य सिर्फ समाज का दर्पण ही नहीं होता बल्कि समाज को परिष्कृत कर नई दिशा भी सुझाता है….दिखाता है…..पहला कदम
Read Moreभारत बहुआयामी विविधता का सामासिक संगम है | तकरीबन 171 भाषाओं और 544 बोलियों के साथ 125 करोड़ आबादी वाला
Read Moreबदल गया यह लल्ला प्रियतम की यादों में खोया, बोलो नहीं निकम्मा l रूप – पाश में बँधकर भूला, भाई,
Read Moreसामाजिक ताने बाने की गाड़ी दो पहियों से बनी हुई है – एक नारी और दूसरा पुरुष। आदि काल से
Read Moreसाथी वह जो हर सुख -दुख में, हरदम साथ निभाये l सही- गलत को जाँच परख़कर, सच्ची राह दिखाये ll
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