कविता

तिमिर

चिंतन पर
तिमिर का कब्जा
पहले भी था
आज भी है
पर न रहे भविष्य में
इसलिए
वर्तमान में
क्रांति करके
ज्ञान की रौशनी द्वारा
अज्ञान के तिमिर को
छिन्न भिन्न कर
चिंतन को
मुक्त कराना होगा
वरना
मनुष्य द्वारा जनित
अनेकों तिमिर जाल में
फँसकर
हमारा चिंतन
अकाल ही
दम तोड़ देगा
और हम
विकास की गाड़ी में
अपने ही हाथों
बैक गियर लगाकर
आगे जाने का
स्वप्न देखते रह जाएँगे
जबकि असल में
पीछे ही पीछे
चलते जाएँगे।

— डॉ अवधेश कुमार अवध

*डॉ. अवधेश कुमार अवध

नाम- डॉ अवधेश कुमार ‘अवध’ पिता- स्व0 शिव कुमार सिंह जन्मतिथि- 15/01/1974 पता- ग्राम व पोस्ट : मैढ़ी जिला- चन्दौली (उ. प्र.) सम्पर्क नं. 919862744237 Awadhesh.gvil@gmail.com शिक्षा- स्नातकोत्तर: हिन्दी, अर्थशास्त्र बी. टेक. सिविल इंजीनियरिंग, बी. एड. डिप्लोमा: पत्रकारिता, इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग व्यवसाय- इंजीनियरिंग (मेघालय) प्रभारी- नारासणी साहित्य अकादमी, मेघालय सदस्य-पूर्वोत्तर हिन्दी साहित्य अकादमी प्रकाशन विवरण- विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशन नियमित काव्य स्तम्भ- मासिक पत्र ‘निष्ठा’ अभिरुचि- साहित्य पाठ व सृजन