कुंभ
कुंभ का महत्व, ईश्वरीय आनन्द तुल्य हैनदियाँ बहती कलकल जहाँ,गंगाजल में घुली है अमृतध्यानभाव की एकाग्रता,तप की है यह सिद्ध
Read Moreसुनो ! उस एक मुलाकात को जी रही हूं और शायद उम्र के हर दहलीज पर जीती रहूंगी मन पर
Read Moreतुम न आते तो अच्छा था आ के इतने करीब मेरे यूं चले न जाते तो अच्छा था दिल में
Read Moreसुनो ! बहुत सी बातें तुम्हारी मेरे दिल के करीब है सोचती हूं उसे करती हूं बाते कभी कभी और
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