राष्ट्र – आराधना [ गीत ]
लहराता है केतु तिरंगा, भारत की है शान। करती नमन नित्य तव संतति, मेरा देश महान।। मस्तक ऊँचा किए हिमाचल,
Read Moreलहराता है केतु तिरंगा, भारत की है शान। करती नमन नित्य तव संतति, मेरा देश महान।। मस्तक ऊँचा किए हिमाचल,
Read Moreअखाड़ा बना , न नगाड़ा बजा न मैदान में प्रतिद्वंद्वी का मजा, न कोई किसी से लड़ा या भिड़ा, पर
Read Moreदेखे नहीं बालियाँ, पौधे, गेहूँ, धान, कपास के। वे किसान को क्या समझेंगे, दिन जिनके संत्रास के।। टपके स्वेद गरम
Read Moreवे जमाने चले गए ,जब हम डर -डर कर जीते थे।अब हम पूरी तरह से निडर हो गए हैं। अब
Read Moreभाता मुझको मेरा गाँव। वहाँ पेड़ की शीतल छाँव।। शहरों से अच्छा है प्यारा। नदिया का है शांत किनारा।। जाने
Read Moreरिमझिम बरसे मेघ सावनी, अंबर – पट में छाए हैं। प्यास बुझी धरती की सारी, सबके मन हर्षाए हैं।। बड़ी
Read Moreतार-तार भारत माता के, वसन फटे हैं बिखरे बाल। आँखों पर संतति पट बाँधे, देखो ये माता के लाल।। एक
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