जज़्बात
बहते आंसुओं का आंखों से निकल गालों तक चले आना कुछ और नहीं जज़्बात हैं यह जब शब्दों से नहीं
Read Moreचलो आज फिर बच्चें बन लौट चले बचपन की ओर साथ ले बचपन के लंगोटिया यारों को कागज की कश्तियां
Read Moreअनसुलझी और सुलझी दास्तानों का नाम है जिंदगी गिरना गिर के उठना इसी का नाम है जिंदगी चलना और रुकना
Read Moreतुझको तेरी शौहरत मुबारक हमें रुसवाईयां अपनी तुझे तेरी महफिलें मुबारक मुझे अपनी तन्हाइयां तू अपनी शौहरत पर खुश है
Read More* गुरुब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुदेव महेश्वर:, गुरु साक्षात्परब्रह्म तस्मैश्री गुरुवे नम:* जीवन में गुरु का स्थान कोई नहीं ले सकता. गुरु
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