कविता

पत्नी की शिकायत

सुन सुन ताने
पक गए कान हमारे
पहले तो दिन रात
टोक टोक
कर कर क्लेश
आदतों में कर दिया बदलाव
अब रोज सुननी पढ़ रही
उनकी यह बात
कितने बदल गए हो
अब नहीं रहे पहले से आप

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020