कविता

हास्य कविता

ठंड ने पदार्पण कर दिया है
उसको सम्मान देते हुए हमने भी
रोज नहाना छोड़ दिया है
हफ्ते भर का
शिड्यूल तैयार कर लिया गया है
मुंह बिना नागा रोज धुलेगा
बादाम रोगन की दो बूंदों से रगड़ा जायेगा
लगे नहाया चमचमाता सा
मंगलवार को हाथों को धोया जायेगा
बुधवार को चरण पखारे जायेंगे
शुक्रवार को पानी डाल सिर धोया जायेगा
इतवार को सारा शरीर
पानी से तोलिए को निचोड़
पोंछा जायेगा
इन सब क्रियाओं में गर्म पानी इस्तेमाल किया जाएगा
माह फरवरी तक यही शिड्यूल दोहराया जाएगा.

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020