शीत लहर !
लक्ष्मी चूल्हा जलाते जलाते सोच रही थी। काश ऐसा होता, मेरे लाडलों के लिए मैँ सारे उचित प्रबंध कर पाती।
Read Moreखेल, खेल भावना से खेले ! हमें हमारे साथ घटित घटना की याद आ रही हैं। हम अपने बच्चों के
Read Moreनशा नाश का कारण, अहित सदा ही करता हैं, धन, दौलत,इज्जत सबकुछ माटी मोल कर देता हैं। परिवार का सुख
Read Moreअलंकृत:चेहरा या चरित्र ! आज के अत्याधुनिक युग में,भौतिक चक्काचौंध से धुंधला गयी हैं नजर। फैशनपरस्ती की ऐसी हवा चली
Read Moreरंग बिरंगे गुब्बारे। ऊँची उड़ान भरने को आतुर गुब्बारे। सुन्दर सुन्दर गुब्बारे। राज अपलक निहार रहा था गुब्बारों को। कैसे
Read Moreहिसाब- किताब मुझे क्या? मैँ ही क्यूं करूं? मेरा क्या जाएगा? मुझे क्या मिलेगा? क्या खोया, क्या पाया, हिसाब- किताब
Read More“मेरा संगणक कब आएगा?” अमेय भोले भाव से अपनी शिक्षिका मां से पूछ रहा था। अपने लाडले विद्यार्थी को नया
Read Moreमेरे प्रिय वीर जवानों, फौजी भाइयों,सजग,सक्षम,सबल,साहसी प्रहरियों,मातृभूमि पर न्योछावर आप का जीवन,करू सादर शत शत नमन, अभिवादन। न कंपकंपाती हवाएं,
Read More