मां
मां से ही जीवन , मां से ही सारी खुशियां, बिन मांगे मेरी जो मुराद पूरी कर दे, कोई और
Read Moreजीवन के रंग अनेक कभी धूप ,कभी छांव, कभी सुख ,कभी दु:ख पर, मैं दिन– रात चलती हूं ना थकती
Read Moreये प्रेम का पर्व है, खुशियों का पर्व है, हम मिलजुल कर मनाएंगे होली का पर्व, फागुन के गीत गाएंगे,
Read Moreतेरी बेटी हूं मां मुझे पराया धन ना कहो तेरा घरबार संवारू मां चुन-चुन कर फूलों से सजाऊं मां पराया
Read Moreजीवन मेरा वसंत मस्त रहती हूं , अपनी दुनिया में, हंसती हूं हसाती हूं ,औरों को गले लगाती हूं, जीवन
Read Moreआओ! लोकतंत्र का पर्व मनाए, वोट देकर अपना फर्ज निभाएं। देश के प्रति हमारा भी कर्तव्य है, चलो ! हम
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