कविता

दोस्ती

दोस्ती, न हैसियत देखती है,
दोस्ती, न रंग रूप से होती है,
दोस्ती, न जाति –धर्म देखती है,
दोस्ती में तो दो विचारों का मिलना , मन का खिलना होता है।

जीवन में अच्छे दोस्त ,बड़ी मुश्किल से मिलते हैं,
दोस्त ,सुख –दु:ख के साथी बनते हैं,
उम्र के हर पड़ाव पर कैफियत पूछते हैं।

दोस्त, बड़े से बड़े बोझ अपने कंधों पर उठा लेते हैं,
दोस्त, ऐसे होते ही हैं जो
हमारी आंखों से आंसू चुरा लेते हैं,
दोस्त, आखिरी सांस तक दोस्ती निभाते हैं।

चेतनाप्रकाश के ,हृदय की भावना
मेरे सभी दोस्तों को समर्पित।

— चेतना चितेरी

चेतना सिंह 'चितेरी'

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