गीत/नवगीत दीपशिखा सागर 23/04/202123/04/2021 गीत बस वही इक सर्ग है जीवन का सुंदर, नाम लिक्खा है जहाँ धड़कन ने तेरा। आँसुओं का अर्घ्य देकर नित Read More
गीतिका/ग़ज़ल दीपशिखा सागर 19/04/2021 ग़ज़ल ख़ामोश सुब्ह के मंज़र हैं शाम ख़ामोशी, हर एक रास्ता हर इक मक़ाम ख़ामोशी । ख़बर किसे थी कि ऐसा Read More
गीतिका/ग़ज़ल दीपशिखा सागर 05/04/2021 ग़ज़ल किसी को अपना बना के रखना मज़ाक है क्या ज़माने भर से छुपा के रखना मज़ाक है क्या मुहब्बतों के Read More
गीतिका/ग़ज़ल दीपशिखा सागर 07/02/2016 गीतिका झुकी झुकी नज़रों ने राज बताया है; दिल दरिया में इश्क़ नहाने आया है। जब जब तेरी याद दबे पाँवों Read More