कविता – आतंकवाद
आतंकवाद से मुक्त करो भारत की हर मां धन्य है, जिन्होंने ऐसे सपूतों को जन्म दिया। भारत माता पर कुर्बान
Read Moreआतंकवाद से मुक्त करो भारत की हर मां धन्य है, जिन्होंने ऐसे सपूतों को जन्म दिया। भारत माता पर कुर्बान
Read Moreएक विशाल पेड़ होते है पिता, जिसकी छाँव में सुकून मिलता है, हमें चलना सीखते है पिता, हमसे वादा करते
Read Moreकिसान के हाथ में कुदाल, न हो क्या होगा? सोचा है किसी ने, किसान जो हल चलाता है, मिट्टी से
Read Moreजिन्दगी क्या है जिन्दगी प्रेम की परिभाषा है, जिन्दगी करूणा का सागर है। जिन्दगी एक अहसास है, जिन्दगी किताब में
Read Moreचुप रहने में समझदारी है, इसलिए हम चुप है, पत्थर बोलना चाहते है, पर इंसान चुप है हर तरफ मारामारी है, हम चुप है जिंदगी तकलीफ देती है, हम गम को सहते हुए चुप है पढाई का बुरा हाल है, बच्चो का न कहकर हम चुप है दहेज का बोलबाला चारो ओर है, पर हम चुप है मौसम का बुरा हाल है, हम पर्यावरण पर चुप है हर तरफ कालाबाजारी है, पर हम चुप है देश के नेता लूट रहे है, पर हम चुप है भूख से जनता मर रही है, पर हम चुप है
Read Moreज्योति का पर्व है आया चारों तरफ उजाला छाया, दीपों से पूरा घर जगमगाया उतर आया है सितारों का कारवां,
Read Moreचाँद कहता है मुझसे आदमी क्या अनोखा जीव है, उलझन खुद पैदा करता है फिर न सोता है, और मुझसे
Read Moreप्यार पर क्या लिखूँ ये समझ नहीं आता है जीत लिखूँ या हार लिखूँ या अपना प्यारा संसार लिखूँ खिलती
Read Moreमां मैं तुम्हारे अंदर हूं मुझे मत मारो मैं भी जीना चाहती हूं दुनिया देखना चाहती हूं मां मैं तो
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