कविता

कविता

बहुत याद आता हैं
किताबों में रखें सूखे फूल,
बहुत याद आता हैं।
दोस्तों का प्यार, लड़ाई,
बहुत याद आता हैं।
गुजरे हुए वक्त की बातें,
बहुत याद आता हैं।
बचपन की शरारतें बातें,
बहुत याद आता हैं।
शिक्षकों की लाड, मार,
बहुत याद आता है।
मां पापा का स्कूल से ले आना,
बहुत याद आता है।
नौकरी का पहला दिन,
बहुत याद आता है।
जीवन यादों की पुस्तक है,
पुस्तक की हर पन्ना बहुत याद आता है।
गुजरा हुआ हर पल हर लम्हा,
बहुत याद आता है।
समय के साथ दोस्त बदल जाते हैं,
दोस्तों के साथ बिताए पल बहुत याद आता है।
जीवन यादों का एक रंगमंच है,
रंगमंच की हर बातें हर क्षण,
बहुत याद आता है।।

— गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384