आम के बौर सी जिंदगी
आ गया बसंत का मौसम, लग गए आम में बौर। उनकी खुशबू लुभाने लगी, हरे हरे पत्तों में झांकती पीले
Read Moreआ गया बसंत का मौसम, लग गए आम में बौर। उनकी खुशबू लुभाने लगी, हरे हरे पत्तों में झांकती पीले
Read Moreजिंदगी तेरा अजब ही रंग ढंग है, किसी के पास ज्यादा तो किसी के पास कम है, क्या क्या रंग
Read Moreअंदर से मुलायम ऊपर से सख्त होती है बेटियां, हर सुख-दुख कहकर सबको खुशियां देती है बेटियां। उसके रहने से
Read Moreएक नन्हा बच्चा जब आता है वह कितनी खुशियां लाता है, मां के उदर से बाहर आने तक वह कितनी
Read Moreआतंकवाद से मुक्त करो भारत की हर मां धन्य है, जिन्होंने ऐसे सपूतों को जन्म दिया। भारत माता पर कुर्बान
Read Moreएक विशाल पेड़ होते है पिता, जिसकी छाँव में सुकून मिलता है, हमें चलना सीखते है पिता, हमसे वादा करते
Read Moreकिसान के हाथ में कुदाल, न हो क्या होगा? सोचा है किसी ने, किसान जो हल चलाता है, मिट्टी से
Read Moreजिन्दगी क्या है जिन्दगी प्रेम की परिभाषा है, जिन्दगी करूणा का सागर है। जिन्दगी एक अहसास है, जिन्दगी किताब में
Read Moreचुप रहने में समझदारी है, इसलिए हम चुप है, पत्थर बोलना चाहते है, पर इंसान चुप है हर तरफ मारामारी है, हम चुप है जिंदगी तकलीफ देती है, हम गम को सहते हुए चुप है पढाई का बुरा हाल है, बच्चो का न कहकर हम चुप है दहेज का बोलबाला चारो ओर है, पर हम चुप है मौसम का बुरा हाल है, हम पर्यावरण पर चुप है हर तरफ कालाबाजारी है, पर हम चुप है देश के नेता लूट रहे है, पर हम चुप है भूख से जनता मर रही है, पर हम चुप है
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