प्रकाश फैलाउंगा
प्रकाश फैलाउंगा हम जल कर भी रौशनी फैलाते रहे , इसलिए लोग हमको जलाते रहे , मेरे जलने को किसी
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Read Moreआओ मेरे कान्हा आओ, आपने ही तो गीता में उपदेश दिया है… आत्मा अजर है, अमर है आत्मा कभी नहीं
Read Moreकरना था जिन्हे मिल कर सब काम, ग़रीब के निवाले के लिए, वह सब कहीं मस्जिद और कहीं शिवाले के
Read Moreकल शाम, मैं गुमसुम सा, अपने घर के अन्दर बैठा था , अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई, कुछ शोर सा
Read Moreबस प्रभु का सहारा, कुछ आंसू आँख से बहते है, कुछ दिल को लोग जलाते हैं करते हैं काम वो
Read Moreयह प्यार भावना का बंधन है, कोई समझौता या इकरार नहीं है, तुम खुल कर मुझसे प्यार करो,. या कह दो मन में प्यार नहीं है मैं प्यार करूँ, तुम बेवफ़ा रहो ,यह मुझको तो मंज़ूर नहीं है, या तुम खुल कर इंकार करो, यह खेल मुझे मंज़ूर नहीं है, मुझसे प्यार और मिलन किसी से, ये तो कोई रीत नहीं है, महफ़िल में गैरों की बाँहों में झूलो, यह तो सच्ची प्रीत नहीं है, मेरी हो तुम मेरे जीवन में, क्यों न खुल कर स्वीकार करो सिर्फ़ मुहब्बत दिखालाने को मत झूठे वादे बारंबार करो, न मैं खुद को बदल सका हूँ, न तुम खुद को बदल सकोगे, कर लो किस्सा ख़त्म यहीं, बस इतना मुझ पर उपकार करो. यह प्यार भावना का बंधन है, कोई समझौता या इकरार नहीं है, तुम खुल कर मुझसे प्यार करो,. या कह दो मन में प्यार नहीं है —जय प्रकाश भाटिया
Read Moreयह प्यार भावना का बंधन है, कोई समझौता या इकरार नहीं है, तुम खुल कर मुझसे प्यार करो,. या कह
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