मैं कौन ??? भूल गया इंसान
अपनी दोस्ती और रिश्तेदारियां अपनी मज़बूरी और जिम्मेवारिया अपने व्यवसाय की परेशानियां कुछ समाज के नाम पर बेड़ियाँ कुछ धार्मिक
Read Moreअपनी दोस्ती और रिश्तेदारियां अपनी मज़बूरी और जिम्मेवारिया अपने व्यवसाय की परेशानियां कुछ समाज के नाम पर बेड़ियाँ कुछ धार्मिक
Read Moreवह जो लिखते थे मेरी बिखरी ज़ुल्फो पे ग़ज़ल आज यह भी न पूछा कि तुम उलझी क्यों हो, पूनम
Read Moreअपने दिल के अरमान बेच कर, दूसरों के दुःख दर्द खरीद लेता हूँ, अब यही तो है व्यापार मेरा, दो
Read Moreअंग्रेज़ो से हमें आज़ादी तो १९४७ में मिल गयी , लेकिन अंग्रेज़ो को छोड़ने के बाद हमने अंग्रेज़ियत नहीं छोड़ी.
Read Moreरात के बारह बज रहे थे, दिसंबर की सर्द रात, शर्मा जी का मोबाइल बज उठा, ऐसे में मन में
Read Moreमधु अमृत सा संचार हो जिसके मन में, जीवन में उसके प्यार की भरमार है, समय की कसौटी पर खरा
Read More