गीतिका/ग़ज़ल कामनी गुप्ता 14/05/2016 गज़ल दिल से जिसे चाहकर भी भुलाया न गया। आँखों में भी उन्हें यूं फिर छुपाया न गया। महकते गुलों की Read More
गीतिका/ग़ज़ल कामनी गुप्ता 13/05/2016 गज़ल कहीं बंद किवाड़ों में भी आरज़ू सिसकती होगी। अपने अरमानों को पूरा करने को तरसती होगी। कुछ बेड़ियां बेवजह ही Read More
कहानी कामनी गुप्ता 07/05/2016 बदलते रिशते भाग दौड़ बस,कहीं नहीं दिखता कोई ठहराव! जाने किस लिए है इतनी भाग दौड़। क्या पहले समय में इन्सान ज़िंदगी Read More
कहानी कामनी गुप्ता 05/05/2016 परदेस आज मीरा की आँखें खुशी से चमक उठी थी वो खुशी जो बरसो बाद मीरा के चेहरे पर आई थी। Read More
गीतिका/ग़ज़ल कामनी गुप्ता 05/05/2016 गज़ल बहुत देर तक जिसे यूंही सजाते रहे। जाने क्यों यादों को तेरी छुपाते रहे। अधूरी सी ज़िंदगी लगती रही तेरे Read More
बाल कविता कामनी गुप्ता 21/04/2016 बाल कविता ख्वाहिशें तो मेरी भी ऐसी हैं जाने क्यों सब मुझको कहते छोटा है। जी मेरा भी गगन छूने को करता Read More
मुक्तक/दोहा कामनी गुप्ता 21/04/2016 मुक्तक 1. ज़ख्मों को हवा देकर भी क्या पाओगे फिर अतीत से ही जुड़े रह जाओगे शायद कुछ सही न था Read More
गीतिका/ग़ज़ल कामनी गुप्ता 15/04/2016 गज़ल कहीं बंद किवाड़ों में भी आरज़ू सिसकती होगी। अपने अरमानों को पूरा करने को तरसती होगी। कुछ बेड़ियां बेवजह कायम Read More
बाल कहानी कामनी गुप्ता 14/04/201614/04/2016 झूठा सच ! ममा ममा! कहता हुआ छोटा सा आदित्य रसोईघर में भाग भाग कर हांफता हुआ गिरता,संभलता आकर छुप गया था। छवि Read More
कहानी कामनी गुप्ता 08/04/201608/04/2016 इंतज़ार सुबह से वो बूढ़ी आंखें ज़रा सी आहट पर दरवाज़े की ओर निहार रहीं थी। मां जल्दी से खाना खा Read More