बेटियाँ
एक हौसला है, हम सब में उड़ान का, पर छोटे सही, गगन तक पहचान का। छू लेंगे गगन एक दिन,
Read Moreबाँट बाँट कर मेरे देश को, जाति धर्म क्षेत्र के टुकड़ों में, मानवाधिकार की बात कर रहे, वह भी टुकड़ों
Read Moreअर्थ के भी महत्व, समझ आने लगे हैं, न दिया तो रूठकर, अपने जाने लगे हैं। दे दिया गर सारा,
Read Moreविचारों को बिना क़िसी डर भय या लॉग-लपेट के प्रकट करना ही अभिव्यक्ति हो सकता है। अभिव्यक्ति के प्रकटीकरण का
Read Moreसच को सच कहने से डरता हूँ, रिश्ता कोई टूट न जाए, सच का किस्सा सच सुनकर, अपना कोई रूठ
Read Moreजिसमे तर्पण करते ही, पुरखे भी त़िर जाते हैं, मानव की तो बात है क्या, देव भी शीश झुकाते हैं।
Read Moreक्या कन्या को शादी के समय स्वेच्छा से दिए जाने वाले धन, उपहार, वस्त्र, आभूषण को दहेज़ कहा जाना चाहिए
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