हरि बोल
सार जगत का जिस पल मानव समझ सकेगा, माया- ममता- मोह जाल से, निकल सकेगा। भौतिक सुविधाओं को सार, जगत
Read Moreन बेटी ख़राब है और न बेटा ख़राब है, कुछ ख़राब है तो, नज़रिया ख़राब है। बाँटते हैं बच्चों को,
Read Moreशहीद हुए थे ज़ोरावर, फतेहसिंह ने जान गँवाई थी, धर्म नाम पर हुई शहादत, मुग़लों की अगुवाई थी। ज़िन्दा दीवारों
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