कुछ मुक्तक
भीगी पलकों से ख्वाब चुराना तो अदा है, भंवरें का फूल से पराग चुराना तो अदा है। तुम क्या जानो
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Read Moreमुझे याद है बचपन के वो दिन कागज की कश्ती बनाकर पानी मे तैराना, बरसात के दिनों मे उमडते घुमड़ते
Read Moreश्वास विज्ञान क्या है ?—मनुष्य के शरीर में वायु की गति, अंग-अंग में वायु परिक्षण एवं प्रभाव का अन्वेषण ही
Read Moreभूत, भविष्य, वर्तमान, मानव के हैं तीन वस्त्र। भूतकाल के वस्त्र बदलकर, वर्तमान में रह लो मस्त। जो भविष्य की
Read Moreकब तलक पानी बिलो, मक्खन बनाते रहोगे, हिंसा पर, निंदा की मरहम लगाते रहोगे? मर रहे हैं रोज सैनिक, वतन
Read Moreनृत्य का आनन्द सागर, ईश्वर की है साधना, क्या रखा है मन्दिरों में, नृत्य से आराधना। कुछ रहे वंचित यहाँ,
Read Moreदलित- दलित चिल्लाने से, दलित विकास नहीं होगा, केवल आरक्षण लाने से, दलितों का भला नहीं होगा। सेंक रहे जो
Read Moreसंवेदनाएं जब मर जाती हैं, जीवन पहाड़ सा बन जाता है, हर पल- पल-पल जीवन का, शिला सा भारी हो
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