ग़ज़ल : कहते दीपक जलता है
किसकी कुर्वानी को किसने याद रखा है दुनिया में जलता तेल औ बाती है कहते दीपक जलता है पथ
Read Moreकिसकी कुर्वानी को किसने याद रखा है दुनिया में जलता तेल औ बाती है कहते दीपक जलता है पथ
Read Moreसुबह सुबह अफ़रा तफ़री में फ़ास्ट फ़ूड दे देती माँ तुम टीचर क्या क्या देती ताने, मम्मी तुमको क्या
Read Moreगर दवा नहीं है दर्द की तुझ पे दिल में दर्द जगाता क्यों है जो बीच सफर में साथ छोड़
Read Moreअपनी जिंदगी गुजारी है ख्वाबों के ही साये में ख्वाबों में तो अरमानों के जाने कितने मेले हैं भुला पायेंगे
Read Moreदीपों का त्यौहार मंगलमय हो आपको दीपों का त्यौहार जीवन में आती रहे पल पल नयी बहार ईश्वर से हम
Read Moreवह हमसे बोले हँसकर कि आज है दीवाली उदास क्यों है दीखता क्यों बजा रहा नहीं ताली मैं कैसें
Read Moreहमको कुछ नहीं मालूम देखा जब नहीं उनको और हमने गीत नहीं गाया जमाना हमसे ये बोला की बसंत माह
Read Moreगज़ल ( सेक्युलर कम्युनल ) जब से बेटे जवान हो गए मुश्किल में क्यों प्राण हो गए किस्से सुन सुन
Read Moreवक़्त ऐसे ही अपना न जाया करो दूर रह कर हमेशा हुए फासले, चाहे रिश्ते क़रीबी कितने भी हों कर लिये
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