ग़ज़ल : जीवन एक बुलबुला
गज़ब हैं रंग जीवन के गजब किस्से लगा करते जवानी जब कदम चूमे बचपन छूट जाता है बंगला ,
Read Moreगज़ब हैं रंग जीवन के गजब किस्से लगा करते जवानी जब कदम चूमे बचपन छूट जाता है बंगला ,
Read Moreनव वर्ष (२०१५ ) की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। मंगलमय हो आपको नव वर्ष का त्यौहार जीवन में आती रहे
Read Moreइन कंक्रीटों के जंगल में नहीं लगता है मन अपना जमीं भी हो गगन भी हो चलो ऐसा घर बनातें
Read Moreबोलेंगे जो भी हमसे बो ,हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है ,हम उनसे प्यार कर लेगें
Read Moreआँखों में जो सपने थे सपनो में जो सूरत थी नजरें जब मिली उनसे बिलकुल बैसी सूरत थी जब भी
Read Moreतुझे पा लिया है जग पा लिया है अब दिल में समाने लगी जिंदगी है कभी गर्दिशों की कहानी
Read Moreमासूमियत का संहार हमला चाहें पाकिस्तान के पेशावर में हो चाहें फिर मुंबई में हो चाहें निर्दोष नागरिकों का क़त्ल
Read Moreवक़्त ऐसे ही अपना ना जाया करो दूर रह कर हमेशा हुए फासले ,चाहें रिश्तें कितने क़रीबी क्यों ना हों
Read Moreमाता मम्मी अम्मा कहकर बच्चे प्यार जताते थे मम्मी अब तो ममी हो गयीं प्यारे पापा डैड हो गए
Read Moreगज़ल (शून्यता) जिसे चाहा उसे छीना , जो पाया है सहेजा है उम्र बीती है लेने में ,मगर फिर शून्यता
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