यूँ दोस्त तो बेशुमार पाया
यूँ दोस्त तो बेशुमार पाया फ़क़त उसी का न प्यार पाया यकीन कैसे करूँ मैं जिसको मुसीबतों में फ़रार
Read Moreयूँ दोस्त तो बेशुमार पाया फ़क़त उसी का न प्यार पाया यकीन कैसे करूँ मैं जिसको मुसीबतों में फ़रार
Read Moreइस शराफत में इस सदाकत में हम लुटे बारहा मुहब्बत में हम रहे दिल्ली या के सूरत में साफ़गोई
Read Moreये इश्क है ये लबों से बयां नहीं होता वो राज़ है जो किसी से निहां नहीं होता जहाँ
Read Moreबेवफ़ा वो अगर नहीं होता मैं कभी दर ब दर नहीं होता है असर उसक ज़हनो-दिल पर यूँ और कुछ
Read Moreहरेक बात को हँसकर वो टाल देता है मगर निगाहों से सबकुछ खँगाल देता है उसी के शेर जहां में
Read Moreकिसी गुरू की नहीं और किसी न चेले की ग़ज़ल नहीं है बपौती किसी अकेले की चला रहे हैं वतन
Read Moreहाले-दिल गैरों से खुलकर के बताया न गया ज़ख़्म ऐसा था किसी तरह छुपाया न गया टूटे रिश्तों में यकीं
Read Moreअपने माथे पे बना बिंदियाँ सजा ले मुझको चाहतों के तु समन्दर में डुबा ले मुझको दूर रहकर मैं
Read Moreमुहब्बत से ही हर तरफ़ रोशनी है ग़ज़ा-ओ-ख़ुशूमत फ़क़त ज़ाहिली है जो चालाक ठहरे वो बचकर निकलते तक़ाज़ों पे हरदम
Read Moreसाथ अपने हमेशा पाओगे मुश्किलों में जो आजमाओगे दर्द को बाँट लीजिए वर्ना बाँध के जैसे टूट जाओगे
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