हमें धर्म और उपासना के यथार्थस्वरूप व रहस्य को जानना चाहिये
ओ३म् आजकल सामाजिक जगत तथा राजनीति जगत में धर्म के नाम की खूब चर्चा होती है परन्तु लगता है कि
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Read Moreओ३म् हम मनुष्य हैं और लगभग 7 दशक पूर्व हमारा जन्म हुआ था। प्रश्न है कि जन्म से पूर्व हमारा
Read Moreओ३म् आर्यसमाज ऋषि दयानन्द द्वारा चैत्र शुक्ल पंचमी विक्रमी 1931 तदनुसार 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में स्थापित एक
Read Moreओ३म् राम को हमारे पौराणिक बन्धु ईश्वर मानकर उनकी मूर्तियों की पूजा करते वा उनको सिर नवाने के साथ यत्र
Read Moreओ३म् मनुष्य की पहचान व उसका महत्व उसके ज्ञान, गुणों, आचरण एवं व्यवहार आदि से होता है। संसार में 7
Read Moreओ३म् –ऋषि दयानन्द के जन्म दिवस पर- सृष्टि के आरम्भ से संसार में मनुष्य आदि प्राणियों का जन्म होता आ
Read Moreओ३म् हम लोगों का जन्म मनुष्य के रूप में स्त्री या पुरुष किसी एक जाति में हुआ है। यह जन्म
Read Moreओ३म् मनुष्य मननशील प्राणी है। इसका शरीर उसने स्वयं उत्पन्न किया नहीं है। माता पिता से इसे जन्म मिलता है।
Read Moreओ३म् वर्तमान समय में मनुष्य का उद्देश्य धन सम्पत्ति का अर्जन व उससे सुख व सुविधाओं का भोग बन गया
Read Moreओ३म् ‘जीवात्मा के पुनर्जन्म का सिद्धान्त सत्य, नित्य होने सहित विश्वसनीय है’ मनुष्य में भूलने की प्रवृत्ति व स्वभाव होता
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