Author: *मनमोहन कुमार आर्य

सामाजिक

मादक द्रव्यों का सेवन व नशा व्यक्ति, देश व समाज का प्रबल शत्रु

ओ३म् आज बहुत से मनुष्य अनेक कारणों से नशीले वा मादक पदार्थों का सेवन करते हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक रोग

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ऋषि दयानन्द की दो मुख्य देन सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज

ओ३म्   ऋषि दयानन्द महाभारतकाल के बाद उत्पन्न महापुरुषों में सत्यज्ञान व उसके प्रचार व प्रसार के कार्यों को करने

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर के निराकार स्वरूप की उपासना ही सरल एवं लक्ष्य प्रदायक

ओ३म्   क्या ईश्वर की उपासना की जानी साहिये? ईश्वर है या नहीं, यदि है तो कैसा है, उसका स्वरुप

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मूर्तिपूजा और जन्मना जाति प्रथा ईश्वरीय ज्ञान वेद के विरुद्ध और हिन्दू समाज के लिए हानिकारक

ओ३म्   मूर्तिपूजा से तात्पर्य ईश्वर की वैदिक शास्त्रों के अनुसार पूजा, ध्यान व स्तुति-प्रार्थना-उपासना न कर एक कल्पित पाषाण

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मैं कर्म-बन्धन में फंसा एक चेतन अनादि व अविनाशी जीवात्मा हूं

ओ३म्   हम परस्पर जब किसी से मिलते हैं तो परिचय रूप में अपना नाम व अपनी शैक्षिक योग्यता सहित

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आघुनिक काल में सभी मतों का अन्धविश्वास-ग्रस्त होना और उन्हें दूर करने में उदासीन होना महान आश्चर्य

ओ३म्   मनुष्यों की समस्त जनसंख्या इस भूगोल के प्रायः सभी व अनेक भागों में बस्ती है। सारी जनसंख्या आस्तिक

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर-जीवात्मा-प्रकृति विषयक अविद्या विश्व में अशान्ति का कारण

ओ३म्   संसार में लोग उचित व अनुचित कार्य करते हैं। अनुचित काम करने वालों को सामाजिक नियमों के अनुसार

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ऋषि दयानन्द के प्रथम बंगला जीवनचरित का शेष भाग – ऋषि दयानन्द यदि अमेरिका में जन्में होते तो मृत्यु के एक सप्ताह पश्चात् उनकी जीवनी प्रकाशित हो जाती: नगेन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय

ओ३म्   कल हमने श्री नगेन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय जी लिखित ऋषि दयानन्द के बंगला जीवन चरित के हिन्दी अनुवाद का आरम्भिक

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ब्रह्मसमाज के आचार्य श्री नगेन्द्रनाथ चट्टोपाध्याय का बंगला भाषा में लिखित ऋषि दयानन्द चरित का संक्षिप्त विवरण

ओ३म्   ऋषि दयानन्द के अनेक विद्वानों द्वारा रचित बृहत्त जीवन चरितों में प्रमुख जीवन चरित पं. लेखराम रचित है

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