मनुष्य शरीर मल-मूत्र बनाने की मशीन सहित ईश्वर प्राप्ति का साधन
ओ३म् वास्तविक दृष्टि से देखा जाय तो शरीर मल-मूत्र बनाने की एक मशीन ही है। इसको उत्तम-से-उत्तम भोजन या
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Read Moreओ३म् महाभारत युद्ध के बाद अविद्या का अन्धकार सारे देश में फैल गया जो मनुष्यों की पराधीनता का कारण बना।
Read Moreओ३म् इतिहास में महर्षि दयानन्द पहले व्यक्ति हुए हैं जिन्होंने उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जन्मना वर्ण-जाति व्यवस्था से ग्रस्त
Read Moreओ३म् पं. आर्यमुनि जी आर्यसमाज के शीर्षस्थ विद्वानों में से एक रहे हैं। महर्षि दयानन्द जी के परलोकगमन के
Read Moreओ३म् पं. राजवीर शास्त्री जी का धर्मोपदेश– दयानन्द सन्देश आर्यजगत की प्रमुख पत्रिका रही है व आज भी है।
Read Moreओ३म् ईश्वर इस सृष्टि का रचयिता व पालक है। मनुष्य व अन्य सभी प्राणियों को जन्म देने वाला भी
Read Moreओ३म् –ऋषि दयानन्द उपदेश- मनुष्य का) देह और अन्तःकरण जड़ है, उनको शीतोष्ण प्राप्ति और भोग नहीं है जैसे
Read Moreओ३म् आर्यसमाज के गगन मण्डल के जाज्वल्यमान नक्षत्र, महान वैदिक विद्वान कीर्तिशेष ऋषिभक्त पं. राजवीर शास्त्री जी के
Read Moreओ३म् भारत में वेद प्रचार का शुभारम्भ महाभारत युद्ध के बाद पहली बार महर्षि दयानन्द (1825-1883) ने अपनी शिक्षा पूरी
Read Moreओ३म् प्रस्तुतकर्त्ता की टिपण्णी : आज हम महात्मा गांधी की अध्यक्षता में सम्पन्न राष्ट्र–भाषा सम्मेलन में 29 दिसम्बर, 1928 को
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