कुहासे
एक कटु अनुभव के साथ एक मीठी भरम के साथ छंटते हुए कुहासे थमती हुई सांसे… ओस की बूंद…! जैसे
Read Moreलेकर इरादा किया एक वादा एक मुलाक़ात का कुछ जज़्बात का कि…, फिर मिलेंगे कभी तो मिलेंगे…! हम कहीं ढूंढते
Read Moreयादें बेजान हुआ नहीं…। लेकिन आवाज़ सुना नहीं ।। सुई रुक चुका था…, लेकिन वक्त रुका नहीं । मुसाफ़िर रुक
Read Moreमेरी उम्र इक्कीस का जाना ज़िन्दगी-नादां सा लगा ! दो हजार इक्कीस का जाना एक हादसां सा लगा !! मेरी
Read Moreरेत के ख़्वाब थे और नदी से मिले । इस तरह से हम आप ही से मिले ।। यूं उम्र
Read Moreये प्रेम की कहानी तेरी भी है और मेरी भी । वो प्यार की निशानी तेरी भी है और मेरी
Read Moreजब… हम चलेंगे साथ-साथ…! जब…, सूरज उगेगा मनमाने तरीके से, किसी भी दिशा में…, जब…, तारों की भी अपनी दुनिया
Read Moreचुपके चुपके चुराई नज़रों से देख लिया करते हैं । पलके झुका कर हाल ए दर्द बता दिया करते हैं
Read Moreजादू भी यकीन लगता था …, उभरती उम्र की हसीं रास्ते में ! अब हकीकत भी शक के दायरे में
Read Moreमानस तेरी सूरत तेरी यादें लिखता है । तुम कहती हो, वो गजलें लिखता है ।। वादा करके न आना
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