फेरी वाला
यह बात बटवारे से पहले की है | पेशावर शहर में जमा- जमाया दूर तक फैला व्यापार, आलिशान हवेली ,पांच
Read Moreबचपन में जब कोई खिलौना टूटा जब कोई मनचाही फ्रॉक या गुड़िया नहीं मिली सखी सहेली से नोक झोँक माँ
Read Moreफौजी की पत्नी हूँ नहीं इख्तियार मुझे मिलन के गीत गुनगुनाने का प्रीत के झूले झूलने का चूड़ी की खनक
Read Moreलो आओ आज फिर एक बार, कर लें अर्पण श्रद्धा सुमन उन वीरों को जो, मिट मरे वतन के लिए
Read Moreएक रक्षा का सूत्र बांधना है अपने देश की एकता को भी ताकि टूटने न पाए पवित्र बंधन , जो
Read Moreदिलो दिमाग के खोल किवाड़ सुनो तो ईश्वर की आह कभी सूखा कभी बाड़ कभी भूकंप कभी महामारी कभी सोनामी
Read Moreतमन्नाओं के बल पर हो जाते खड़े महल तो कोई झोंपड़ी न होती गर उम्मीद से लहलहा उठते हरे भरे
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