कविता

कैसी विडंबना है ये …

कैसी विडंबना है ये कहीं तरसते हाथ लरसती आँखें माँ बाप की गोद पाने को औलाद और कहीं जन्म होते ही डाल दिया जाता कचरे के डिब्बे में या अनाथालय कैसी विडंबना है ये… कहीं तरसते अंनाथ माँ बाप के साथ को और कहीं अपने ही माँ बाप को छोड़ जाते वृद्ध आश्रम कैसी विडंबना […]