पापा (कविता )
पापा (कविता ) जब बहुत छोटा था मै देश और दुनिआ से अनजान था मै इतना मासूम और नादान था मै
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Read Moreमंडी (कविता) यह ज़िन्दगी मंडी है व्यापारियों की ज़िन्दगी नही है यह नही है यह ज़िन्दगी
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