माँ
माँ मेरी ममता की मूर्ति है माँ तेरा आँचल निर्मल है तुमसे ही मेरी पहचान है प्रेम और करुणा का
Read Moreजिंदगी अगर किताब होती हम उसके पन्नो को पढतें कब हम अपने अरमान पूरे करेगें जीवन में हर रंग को
Read Moreकिस पथ पर चल रहा समाज हमारा ये खोखले रीति रिवाज किसके लिए बेटियों को देते है हम पूरी आजादी
Read Moreजीवन की राह पर इंसानों को रिश्ते बदलते देखा है कुछ किस्मत में होते हैं कुछ जुड़ते चले जाते है
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