आनन्द का द्वार
आज के समय में कहते है कि पैसा है तो आनन्द ही आनन्द है । धन दौलत और वैभव से
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Read Moreकिसी तीर्थ के पहाड़ पर चढ़ना हो या पर्वतारोहण करना हो तो झुक कर व लाठी के सहारे से चढ़ने
Read Moreमानव गलत करेगा तो उसको भय होगा ही होगा । आज के दौर में दूसरों की सराहना प्रशंसा करने का
Read Moreमानव का सबसे बड़ा शत्रु कौन ? इसका मेरे चिन्तन से उतर होगा की मैं मानव का सबसे बड़ा शत्रु
Read Moreपानी हमारे जीवन का प्राण तत्व है और हमारे जीवन का मूल सत्व है पर अफसोस हम प्राणी पानी की
Read More> वीतराग भगवान के द्वारा प्रदत धर्म को मानने वाला जैनी होता है।> इच्छा का परिमाण, भोग संग्रह का सीमाकरण
Read Moreविपदाएं, परेशानियां, कठिनाइयां आदि आती रहती हैं उनका सामना करते करते मानव दुखी हो जाता है। सकारात्मक उर्जा नहीं मिलने
Read Moreहम कृतज्ञता ज्ञापित करें की हमे यह दुर्लभ मानव भव मिला है। आर्यक्षेत्र,उत्तमकुल और परिपूर्ण अंगों युक्त सुन्दर सा तन
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