घर
सर्वप्रथम दादीसा (स्व: श्रीमती गीगी देवी छाजेंड़ , बोरावड़ ) के 35 वे स्मृति दिवस पर उनके चरणो में मेरा
Read Moreआत्मा के साथ मन का बहुत ही गहरा रिश्ता है। आत्मा पर अच्छे-बुरे कृतकर्मों का सख्त पहरा है। जो प्रतिबिंबित
Read Moreहमारे जीवन में गुरू का बहुत महत्व है इसको अगर हमने सही से नहीं समझा तो मानो कुछ भी नहीं
Read Moreआत्मा के भव भ्रमण का संसार है । अगर हमने मनुष्य भव प्राप्त किया है और इसका अच्छे से अच्छे
Read Moreहमें मानव भव मिला है उसकी मूल कारण मेरे चिन्तन से प्रकृति तो है सरल स्वभाव वाली । 9 दुर्गम
Read Moreअसंतोष की वृत्ति का अंत है दुखांत । वहीं इसके विपरीत हमारे जीवन में संतोषपूर्वक स्वीकारोक्ति सदा ही लाती है
Read Moreआज के समय में शिक्षा का खूब-खूब विस्तार हुआ है। इसके विस्तार के परिणामस्वरूप बालिकाओं में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है।
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