पिरामिड
आ रही तुम्हारी यादें मुझे बहुत ज्यादा तूँ कब आओगी इन्तजार है मुझे ॥१॥ ये यादें मुझको कबतक आती रहेगी
Read Moreप्रीत की डोरी में बधकर छोरी, घुम घुम करके गीत सुनावै। मटकी लिए पनघट पर जाकर, तालाब से पानी भर
Read Moreहम सुन्दर पटल बनायेंगे। साहित्य का माहौल लायेंगे। शब्दों का हेरा-फेरी कर, सब रचना करने आयेंगे। सहभागिता अपनाकर यहाँ, हम
Read Moreअब आरजू बस मेरी तबस्सुम के साथ आओ। दिल को किया विस्मिल अब ना मुझे तड़पाओ। आश्नाइ में क्या हुई
Read Moreआज कल मनुष्य ऐसा हो गया है कि अपनी मानसिक विकृतियां को छिपाने के लिए नाना प्रकार के बहाने नाना
Read Moreतेरे आने से मन चहकने लगे। हो न ऐसा कि तू बहकने लगे। नाम की तेरे चुड़ियाँ पहनू हो न
Read Moreवास्तविक शिक्षा ज्ञानवर्धक होना चाहिए क्योंकि अगर ज्ञान है तो यहाँ सब कुछ है अगर ज्ञान नहीं तो कुछ नहीं
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