गज़ल
जिंदगी गाकर सजाकर देखिए बंदगी बनकर निखर कर देखिए जब लिये मकसद नये से आएगी चाह हो तो सर झुकाकर
Read Moreजीवन सिंह घर के बाहर किसी बुरी आशंका में खड़ा भयभीत था| “प्रेरणा का आज नतीज़ा आना था, कुछ बुरा
Read Moreसास दूसरे शहर से नौकरी कर आये बेटे विनय को बहू के बारे में अनाप-शनाप कह रहा थी। अभी विवाह
Read Moreअखिलेश प्राईवेट नौकरी में काम अधिक और कम वेतन से बहुत परेशान रहता था|हर समय परिवार में पैसे को लेकर
Read Moreमंत्रीजी विकास के घर मुशायरा था| सभी नामवर कवियों और शायरों के बारे में मंत्रीजी को बताया गया, क्योंकि मंत्रीजी
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