संविधान दिवस और डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर
भारत के पहले अनुसूचित जाति के युवक, जिन्होंने मैट्रिक से लेकर Ph D, D Litt तक उपाधि प्राप्त किये ।
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Read Moreजनसाधारण से लेकर वीआईपी तक SDO कोर्ट से लेकर सर्वोच्च न्यायालय में न्याय की आश में पहुँचते हैं,जहाँ रसूखदार लोग
Read Moreबधाई, राहुल जी ! परंतु बचकानी हिंदी से बचते हुए उचकानी हिंदी में आइये । आपने लालू जी को फिर
Read Moreअंतिम राउंड के मतदान के बाद गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जैसी ‘एग्जिट पोल’ की रुझान आई
Read Moreबिहार सरकार का मानना है– ‘शिक्षक राष्ट्र – निर्माता नहीं होता है और अगर होते भी होगें, तो नियोजित शिक्षक
Read Moreहिंदी साहित्य में डॉ. नगेन्द्र के बाद ‘काव्य में अभिव्यंजनावाद’ को समृद्ध करनेवाले और कोई समालोचक हैं, तो वह है–
Read Moreफेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हॉट्सएप, ट्वीटर…. अपने आप में ‘कॅरोना’ वायरस हैं ! कोई मुकम्मल ‘हीरो’ नहीं होता, कोई मुकम्मल ‘विलेन’ नहीं
Read Moreभारत में धर्म की कोई कमी नहीं ! यहाँ लोगो को रोटी चाहिए ! विवेकानंद कहिन । ×××× मज़हब वही
Read Moreविभीषण तो धर्मात्मा थे, किन्तु लंकाधीश रावण की नज़र में ‘गद्दार’ थे; गद्दार के लिए अपनी-अपनी नजरिया, जो कि व्यक्तिनिष्ठ
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