ग़ज़ल : रूह मे बसाया है
तुम्हें दिल मे ही नहीं, रूह मे बसाया है तुम्हें ही याद रखा खुद को भी भुलाया है बड़ी ही
Read Moreतुम्हें दिल मे ही नहीं, रूह मे बसाया है तुम्हें ही याद रखा खुद को भी भुलाया है बड़ी ही
Read Moreबडे़ दिनो के बाद वो छत पर नजर आया था, दिल जोर से धड़का पर मैने मुंह घुमा लिया ।
Read Moreमेरे बेटे का एक ही सपना है क्रिकेटर बनना और अपने सपने के प्रति बडा लगन और इमानदारी से समर्पित
Read Moreजो था, अब नहीं रहा जो है वो कभी था ही नहीं एहसास मे दूरियों और इन्तजार की कसी गाँठ
Read More1 तुम्हारी याद जैसे ठंडी चाय खो चुकी गर्माहट बिसर चुका है स्वाद ।। 2 सुनो दंभी पुरुष मेरे आखों
Read Moreकितनी अनकही भावनायें कितने अनछुये जज्बात यूंही कोरे पडे है…. आँखों के किनारे थोडे गीले है बातें शुष्क…खाली दामन मेरे
Read Moreऔर क्या है मेरे पास बस तुम्हारी चंद यादें और. मेरी थोडी ख्वाहिशें मेरे डायरी मे तो कोई सुखे गुलाब
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