माना जख्म गहरा है….
माना जख्म गहरा है अभी तक हरा है तुम एक बार लगाकर तो देखो प्यार के मरहम ने, हर जख्म
Read Moreमाना जख्म गहरा है अभी तक हरा है तुम एक बार लगाकर तो देखो प्यार के मरहम ने, हर जख्म
Read Moreलहु की अंतिम बूदों से, तेरे गुलशन को सींच चले। वतन की आन बान खातिर, चढा कर अपना शीष चले॥
Read Moreखुद को में, खुद से मिलाना चाहता हूं। जिन्दगीं, तेरा साथ पाना चाहता हूं॥ ढूंढ कर खुशियों के ये दो
Read Moreतेज सूरज का मुझको मिले ना मिले, दिल उसुलों से रोशन रहे काफी है। शोहरतों की बुलंदी मिले ना मिले,
Read Moreसपनों को ओढना, पलकों को बिछोना कर दूं। आ तेरी चाह के दामन को, प्यार से भर दूं॥ जिसको सींचा
Read Moreखुदगर्ज सी दुनियां मे, विश्वास ढूढता है समझाकर हार गया ,नादांन मेरे दिल को इस झूठ की दुनियां में, क्यूं
Read Moreबसा लिये सबने जहान ,अपने अपने पा लिये सबने मुकाम ,अपने अपने। वो अब क्यूं किसी का सहारा बनेगें जिन्हे
Read Moreजाने क्यूं अब शर्म से, चेहरे गुलाब नही होते। जाने क्यूं अब मस्त मौला मिजाज नही होते। पहले बता दिया
Read Moreउंगलियों से लटों को घुमाओ ना यूं तीर कातिल अदा के चलाओ ना यूं। जाने कितने दिलों मे जगेगी कसक
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