श्वास
मुंगेरी अपने सामने धू धूकर जलती इमारत को देख फफक कर रो पड़ा| सारे मजदूर दुखी थे पर आंसू किसी
Read Moreहिंदी साहित्य डेढ़ सौ रूपये किलो का बैनर देख एक व्यक्ति दुकानदार से बोला “परशुराम जी की किताब मिलेगी क्या
Read More“नये साल की वह पहली सुबह जैसे बर्फानीा पानी में नहा कर आई थी ।10 बज चुके थे पर सूर्यदेव
Read More‘एक तो घर में जगह नहीं ऊपर से नये कपड़े चाहिए, परन्तु पुराने किसी को देने को कहो तो मुहं
Read Moreदेश की तरफ आँख उठा कर देखे दुश्मन जो कोई , जा पड़े आँख में हम शोला बन उसकी शामत
Read Moreतोल मोल के बोल, शब्द बड़े है अनमोल। दुखे दिल किसी का , मुख से ऐसा कुछ न बोल| वाणी
Read Moreफेशबुक पर जब रूबी राय का मजाक उड़ाती पोस्टों पर जब नजर जाती हैं एक टीस सी होती दिल में
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