आसान कहां होता है
आसान कहाँ होता है, पुरुष बन जाना! कभी प्रेमी तो कभी पागल कभी, देवदास बन जाना! कोई रूठे तो बेसुरे
Read Moreआसान कहाँ होता है, पुरुष बन जाना! कभी प्रेमी तो कभी पागल कभी, देवदास बन जाना! कोई रूठे तो बेसुरे
Read Moreजल को खूब बहाएगे , फिर हाहाकार मचाएंगे न मिले जल तो शोर मचा – मचा चिल्लाएंगे । घर से
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