गीत : अब ना तारणहार आएँगे
अब ना तारणहार आएँगे, ना ही पालनहार आएँगे माखन-मिश्री भोग लगाने, मोहन ना अब द्वार आएँगे। शकुनि की शातिर चालों
Read Moreअब ना तारणहार आएँगे, ना ही पालनहार आएँगे माखन-मिश्री भोग लगाने, मोहन ना अब द्वार आएँगे। शकुनि की शातिर चालों
Read Moreराष्ट्रध्वज कभी-कभी अपना अपमान देखकर संभवत: यही सोचता होगा– हूँ भारत के स्वाभिमान का उन्नत-गर्वित माथा मैं भारत माता का आँचल और
Read Moreआज तेरा अभिषेक करूँ मैं सप्तसिंधु के धारों से हार तेरा मैं गुँथ लाऊँगा सूरज-चाँद-सितारों से पूरब-पश्चिम की लाली ले
Read Moreनागपुर, भारत के सांस्कृतिक महत्व का शहर है। इसके अनेक कारण हैं जिनमें से तीन प्रमुख कारण मैं आपको बतलाता
Read Moreप्राथमिक कक्षाओं से अब तक यही पढ़ता-पढ़ाया आया हूँ और जैसे कि सारा संसार जानता है-‘भारत अनेक धर्मों का एक
Read Moreगिरना प्रकृति का शाश्वत नियम है, इसलिए गिरनेवाला कहीं से भी गिर सकता है। सायकिल से, छत से, झाड़ से
Read Moreकभी किसी सिरे फिरे ने प्रभु श्रीराम के अस्तित्व और प्रामाणिकता पर प्रश्न लगाया था। तब उसे जवाब देने के
Read Moreनवयुग का आहवान आओ आज करें हम मिलकर, नवयुग का आह्वान जब तक स्वच्छ न होगा भारत, सतत् चले अभियान।
Read Moreकभी-कभी मैं सोचता हूँ इस देश में ‘डाॅग’ नहीं होते तो धनपतियों का क्या होता? दुनिया को कैसे पता चलता
Read Moreआज़ाद भारत की उम्र जैसे-जैसे बढ़ रही है वैसे-वैसे वह पिछड़ता जा रहा है। कभी-कभी तो लगता है कि इतना
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