ग़जल
सिसकती जिन्दगी में साज क्या सजा पाना, बड़ी मुश्किल है अपनी आबरू बचा पाना । आंखों में शोले और हाथ
Read Moreसावन की फुहारें यादों को, बोझिल हो सपनों में सताये। टिप टिप बरखा की बुन्दें भी, दिल में हलचल खुब
Read Moreउदासी भरा दिल हो तब भी मुस्काराइए मंजिल मिलेगी, पहले कदम तो बढ़ाइए । माना कि जीवन जंग में मुश्किलें
Read Moreतुम ही जानो कितनी सांसें, हमने साथ बिताई है । जीवन की तपती दुपहरिया , देहरी संग छुपाई है। बदरा
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