लॉकडाउन जिन्दगी
” मेरे घर में यह कदम नहीं रख सकती है, जहां से इसे उठा लाए हो वहीं छोड़ आओ….!” बेटे
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Read Moreआज फिर बुधिया चार बजे भोर भादो को ढूंढने निकल पड़ी थी । मैं जान बूझ कर उसके रास्ते से
Read More“खट मरे मुर्गा, बिलाय खाये अण्डा ” यह कहावत छोटा नागपुर पठार में चिरकाल से बसने वाले और झारखंड की
Read Moreफूफा फूलचंद की फुफकार और ललकार से ही गजोधर बाबू की इज्जत – आबरू बची ! राहत मिली थी !
Read Moreउनका पूरा कमरा ही शोक में डूबा हुआ था और विधायक जगतलाल जमीन पर पालथी मारे बैठे छाती पीट रहे
Read Moreतुमूल बाबू की सुबह घूमने की आदत बंद नहीं हुई थी। तीस साल पहले जो आदत बनी थी, वो आज
Read Moreशमीम साहब हैरान-परेशान है,सप्ताह दिन से नेता जी को खोजते फिर रहे है,पर नेता जी है कि अपना टेबल कुर्सी
Read Moreशीत लहरी से पूरा क्षेत्र कांप रहा था । ठंड ने समस्त प्राणियों में अपना दबदबा कायम कर लिया था
Read Moreअभी अभी खबर मिली है कि लालजी साहू ने सम्प एरिया में काम ज्वाइंन कर लिया है। सुनकर मुझे विश्वास
Read Moreशहर से बाहर, पक्की सड़क के किनारे पीपल पेड़ के सामने, एक अधपक्का ब्लीडिंग के बाहर एक बड़ी सी होल्डिंग
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